सीड पॉपी शर्ली डबल मिक्स्ड
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भारत में कंटेनर में बीजों से पॉपी शर्ली डबल मिक्स्ड उगाना, हल्के पेस्टल और चटकीले रंगों में नाजुक, टिशू-पेपर जैसे फूलों का आनंद लेने का एक सुंदर तरीका है। ये सालाना पौधे भारत में सर्दियों के मौसम में उगाना आसान है और गमलों या बालकनी में लगाने के लिए एकदम सही हैं। यहाँ आपकी स्टेप-बाय-स्टेप गाइड है, जो भारत में उगाने के हालात के हिसाब से है:
बुवाई का सबसे अच्छा समय
आदर्श मौसम: अक्टूबर से दिसंबर
ठंडे, सूखे मौसम में सबसे अच्छा उगता है (टेम्परेचर: 10–25°C)
सर्दियों में नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ इंडिया के कुछ हिस्सों के लिए एकदम सही
कंटेनर और मिट्टी का सेटअप
गमले का साइज़: कम से कम 10–12 इंच गहरा जिसमें पानी निकलने के छेद हों
मिट्टी का मिक्स:
2 भाग बगीचे की मिट्टी
1 भाग रेत या कोकोपीट (पानी निकलने के लिए)
1 भाग कम्पोस्ट/वर्मीकम्पोस्ट
मिट्टी ढीली, पानी निकलने वाली और बहुत ज़्यादा उपजाऊ नहीं होनी चाहिए (पॉपीज़ को भारी, पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी पसंद नहीं है)
बीज बोना
ऊपर बोना: बीजों को सीधे गीली मिट्टी के ऊपर छिड़कें।
ज़्यादा न ढकें: बीजों को हल्के से दबा दें या मिट्टी या रेत की बहुत बारीक परत से ढक दें।
हल्के से पानी दें: बीजों को अपनी जगह से हटने से बचाने के लिए स्प्रे बोतल से पानी छिड़कें।
अंकुरण का समय: 7–14 दिन
अंकुरण के दौरान थोड़ी छाया में रखें, फिर अंकुरित होने के बाद धूप वाली जगह पर ले जाएं।
धूप
रोज़ाना 5-6 घंटे पूरी धूप चाहिए
गर्म इलाकों में ठंडी सुबह और दोपहर में हल्की छांव पसंद है
पानी देना
मिट्टी को लगातार नम रखें, लेकिन गीली नहीं
जब पौधे लग जाएं तो नीचे से पानी दें
फूलों पर ऊपर से पानी देने से बचें
पौधे की देखभाल के टिप्स
- पतला करना: जब पौधों में 2-3 असली पत्तियां आ जाएं तो उन्हें 6-8 इंच की दूरी पर पतला करें
- खाद: हर 2-3 हफ़्ते में एक बार बहुत हल्की खाद डालें (ज़्यादा खाद डालने से बचें)
- कीट: आम तौर पर, कीड़े नहीं लगते लेकिन एफिड्स को खींच सकते हैं – ज़रूरत हो तो नीम स्प्रे का इस्तेमाल करें
- डेडहेडिंग: फूल ज़्यादा समय तक खिलते हैं
खिलने का समय
फूल 8-10 हफ़्ते में दिखते हैं
सर्दियों और शुरुआती वसंत में खिलते हैं
गुलाबी, सफ़ेद, लाल, बैंगनी और बैंगनी रंगों की दोहरी परत वाली पंखुड़ियां