Nishigandha, Polianthes tuberosa
पोलियंथेस ट्यूबरोसा (Polianthes Tuberosa), जिसे रजनीगंधा के नाम से भी जाना जाता है, के साथ अपने बगीचे या घर को मनमोहक खुशबू से भर दें। इसकी सुंदर सफेद कलियां और मादक सुगंध आपके परिवेश को सुंदरता और शांति का एहसास देती हैं।"
पॉलीबैग/पॉट | पॉलीबैग: 5x7, 760ml |
पौधे की ऊंचाई | 2' |
पोलियन्थेस ट्यूबेरोसा (Polianthes tuberosa), जिसे हिंदी में "राजनीगंधा" (Rajnigandha) कहा जाता है, एक सुगंधित फूलों वाला पौधा है जो मूल रूप से मैक्सिको का है और इसकी सुंदर और खुशबूदार कलियों के लिए व्यापक रूप से उगाया जाता है। अपनी लंबे समय तक खिलने वाली कलियों के लिए प्रसिद्ध, यह पौधा फूलों की सजावट और इत्र में बेहद लोकप्रिय है, क्योंकि इसका सुगंध खासकर शाम के समय बहुत तीव्र और आकर्षक होता है।
विवरण
पोलियन्थेस ट्यूबेरोसा लंबी, संकीर्ण सफेद कलियों के साथ एक सुंदर और मोम जैसी संरचना बनाती है, जो नीचे से ऊपर की ओर क्रमवार खिलती हैं, जिससे एक आकर्षक दृश्य उत्पन्न होता है। इस पौधे को इसके हरे-भरे पत्तों के लिए भी सराहा जाता है, जो सफेद फूलों के साथ सुंदर रूप से तालमेल बनाते हैं।
देखभाल के दिशा-निर्देश
प्रकाश की आवश्यकता: पूरी धूप से लेकर आंशिक छांव में भी यह अच्छे से बढ़ता है। फूलों की अधिकता के लिए सूर्य की हल्की रोशनी का चयन करें।
पानी देना: फूलों के दौरान नियमित पानी देना आवश्यक है। मिट्टी को समान रूप से नम रखें लेकिन उसे जलजमाव से बचाएं; ठंडे महीनों में पानी देने की मात्रा कम करें।
मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली, बालू-मिट्टी की मिट्टी सबसे उपयुक्त है। पौधे के लिए हल्का अम्लीय से तटस्थ पीएच सबसे अच्छा होता है।
तापमान और आर्द्रता: गर्म तापमान में अच्छे से बढ़ता है, आदर्श तापमान 70°F से 85°F (21°C - 29°C) के बीच होता है। मध्यम आर्द्रता पसंद करता है, लेकिन सूखी परिस्थितियों में भी यह सहन कर सकता है।
उर्वरक: विकासशील मौसम (वसंत और गर्मी) में हर महीने संतुलित तरल उर्वरक का उपयोग करें ताकि पौधे की वृद्धि और फूलों का उत्पादन अच्छा हो। अधिक उर्वरक का उपयोग न करें, क्योंकि यह फूलने में रुकावट डाल सकता है।
कीट और रोग प्रबंधन: सामान्य कीटों जैसे कि एफिड्स और मिलीबग्स पर नजर रखें। आवश्यकता होने पर कीटनाशक साबुन से उपचार करें। फंगल रोगों से बचने के लिए अच्छी हवा की आवागमन और पानी के जलजमाव से बचाव सुनिश्चित करें।
पुनः रोपण और प्रचारण: हर 1-2 साल में नए मिट्टी में कंदों को फिर से लगाएं, ताकि स्वस्थ वृद्धि को बढ़ावा मिले। शीतकाल में कंदों को विभाजित करके प्रचारण करें।
उपयोग और फायदे
सुगंध और सौंदर्यात्मक आकर्षण: यह पौधा अपनी तेज, सम्मोहक खुशबू के लिए जाना जाता है, जो शाम के समय और भी गहरी और आकर्षक हो जाती है। इसका उपयोग इत्र, अगरबत्तियों और तेलों में अधिक होता है, क्योंकि इसकी सुगंध आकर्षक और सशक्त होती है।
सजावटी उपयोग: यह पौधा बाग के किनारे, इनडोर कंटेनरों और फूलों के गुलदस्ते के लिए आदर्श है। पारंपरिक और उष्णकटिबंधीय बागों में यह बेहद लोकप्रिय है।
आयुर्वेदिक और सांस्कृतिक उपयोग: कुछ संस्कृतियों में माना जाता है कि रजनीगंधा के पौधे में औषधीय गुण होते हैं और इसे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है।