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Chickoo, variety Kalipatti, Achras zapota, cultivator kalipatti

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"आज ही जगताप नर्सरी गार्डन सेंटर से प्रीमियम कालीपत्ती चिकू पौधे प्राप्त करें – उच्च उत्पादन, बेहतरीन स्वाद और लंबी शेल्फ लाइफ का आनंद लें!"

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    360 पॉलीबैग: 14x14, 12L 1'' 6'
    696 पॉलीबैग: 16x16, 17.5L 4'
    1296 पॉलीबैग: 21x21, 43.5L 4'
    1860 पॉलीबैग: 25x25, 61.5L 7'6''

    ₹ 1860.00 1860.0 INR ₹ 1860.00

    ₹ 360.00

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    कालीपट्टी चीकू, चीकू की एक अत्यधिक मूल्यवान किस्म है, जो अपनी असाधारण मिठास, चिकनी बनावट और उच्च उपज के लिए जानी जाती है। खेत मालिकों, छोटे बागवानों, छत पर बागवानों और बंगला मालिकों के लिए आदर्श, यह किस्म उचित देखभाल के साथ उगाए जाने पर एक पुरस्कृत फसल सुनिश्चित करती है।


    कालीपट्टी चीकू की विशेषता

    • Superior Sweetness: Kalipatti is renowned for its rich, honey-like sweetness and fine-grain texture.
    • High Yield Variety: This cultivar is highly productive, offering consistent and abundant harvests.
    • Long Shelf Life: Fruits have excellent post-harvest longevity, making them ideal for transport and storage.
    • Versatility: Perfect for fresh consumption, juices, and desserts.
    • पौधों के लिए विश्वसनीय स्रोत:

                    जगताप नर्सरी का गार्डन सेंटर उच्च गुणवत्ता वाले पौधों को सुनिश्चित करता है, जो मजबूत विकास और रोग प्रतिरोध के लिए प्रीमियम मातृ पौधों से विकसित होते हैं।

    Horticultural Practices for a Good Harvest

    1. Site Selection and Preparation

    जलवायु: 20°C और 35°C के बीच तापमान वाले गर्म, उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपता है।

    मिट्टी: यह अच्छी जल निकासी वाली, रेतीली दोमट मिट्टी में सबसे अच्छी तरह से उगती है, जिसका पीएच 6.0 से 7.5 तक हो।

    Land Preparation:

    गहरी जुताई और जैविक खाद (प्रति हेक्टेयर 20-25 टन) डालने से मृदा की स्वस्थ स्थिति सुनिश्चित होती है।

    2. Planting

    रोपण सामग्री: जगताप नर्सरी के उद्यान केंद्र से प्राप्त ग्राफ्टेड पौधों का उपयोग करें।

    Spacing:

    इष्टतम विकास और आसान प्रबंधन के लिए 8 मीटर x 8 मीटर की दूरी बनाए रखें।

    रोपण का मौसम: वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए या सिंचाई की उपलब्धता के अनुसार जून से अगस्त तक का समय सर्वोत्तम है।

    3. Irrigation

    आवृत्ति:

    स्थापना सुनिश्चित करने के लिए पहले दो वर्षों के दौरान नियमित रूप से पानी दें।

    बेहतर उपज के लिए फूल आने और फल आने के दौरान मिट्टी में नमी बनाए रखें।

    तरीका:

    जल संरक्षण और पोषक तत्वों को कुशलतापूर्वक पहुंचाने के लिए ड्रिप सिंचाई की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है।

    4. Nutrient Management

    प्रमुख पोषक तत्व:

    नाइट्रोजन (N): जोरदार वनस्पति विकास और रसीले पत्ते को बढ़ावा देता है।

    फास्फोरस (P): जड़ की मजबूती और पौधे के शीघ्र विकास को बढ़ाता है।

    पोटेशियम (K): फलों की गुणवत्ता, मिठास और शेल्फ लाइफ में सुधार करता है।

    Fertilizer Schedule:

    वर्ष 1: प्रति पौधे 200 ग्राम नाइट्रोजन, 100 ग्राम फास्फोरस, तथा 200 ग्राम पोटेशियम डालें।

    दूसरे वर्ष से: धीरे-धीरे प्रति वर्ष प्रति पौधे 1 किग्रा नाइट्रोजन, 500 ग्राम फास्फोरस और 1 किग्रा पोटेशियम की मात्रा बढ़ाएँ।

    मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट जैसी जैविक खादों का उपयोग करें।

    5. Pest and Disease Management

    Common Pests:

    चीकू बीज छेदक: नीम आधारित स्प्रे या फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें।

    मीली बग: कीटनाशक साबुन या नीम के तेल से नियंत्रण करें।

    Diseases:

    पत्ती धब्बा: तांबा आधारित कवकनाशी का छिड़काव करें।

    कालिखयुक्त फफूंद: मूल कारण (एफिड्स जैसे कीट) को दूर करें और पत्तियों को हल्के साबुन के घोल से साफ करें।

    6. Mulching and Weed Control

    मल्चिंग: नमी बनाए रखने और खरपतवार को कम करने के लिए पुआल या सूखी पत्तियों जैसी जैविक मल्च का प्रयोग करें।

    निराई: पोषक तत्वों और पानी के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए नियमित रूप से खरपतवार हटाएँ।

    7. Pruning and Maintenance

    स्वस्थ विकास और बेहतर वायु परिसंचरण को बढ़ावा देने के लिए मृत, रोगग्रस्त या अधिक भीड़ वाली शाखाओं की छंटाई करें।

    समय-समय पर फलों को पतला करने से बड़े एवं उच्च गुणवत्ता वाले फल प्राप्त होते हैं।

    8. Flowering and Fruit Care

    परागण: मुख्यतः स्व-परागण, लेकिन मधुमक्खियां फलों के आकार और सेट को बढ़ाती हैं।

    फलों को पतला करना: पौधों की ऊर्जा को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर केन्द्रित करने के लिए कमजोर या अतिरिक्त फलों को हटा दें।

    9. Harvesting

    कटाई का समय: कालीपट्टी चीकू के पेड़ रोपण के 3-4 साल बाद फल देना शुरू करते हैं।

    परिपक्वता के लक्षण: फल कठोर हो जाते हैं, तथा उनके छिलके का रंग गहरे हरे से हल्के भूरे रंग में बदल जाता है।

    कटाई की तकनीक: शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए डंठल के एक हिस्से के साथ फलों को धीरे से तोड़ें।

    Advantages for Buyers

    पौधों के लिए विश्वसनीय स्रोत


    जगताप नर्सरी का गार्डन सेंटर प्रीमियम मातृ पौधों से प्राप्त स्वस्थ, रोगमुक्त पौधों को सुनिश्चित करता है, जिससे खरीदारों को गुणवत्ता और उत्पादकता में विश्वास मिलता है।

    For Farm Owners


    कालीपट्टी चीकू अपनी उच्च उपज और बाजार मांग के कारण अत्यधिक लाभदायक किस्म है।

    For Small Orchard Farmers


    अंतरफसल और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए उत्कृष्ट विकल्प

    For Terrace Gardeners


    सीमित स्थानों के लिए बौनी या कंटेनर-अनुकूल किस्में उपलब्ध हैं।

    For Bungalow Owners


    यह बगीचों में सजावट का महत्व बढ़ाता है तथा ताजा, मीठा चीकू प्रदान करता है।


    जगताप नर्सरी का गार्डन सेंटर क्यों चुनें?

    With years of expertise in horticulture, Jagtap Nursery’s Garden Center offers premium-quality Kalipatti Chickoo plants, ensuring customers achieve the best results in their farming or gardening endeavor.