Skip to Content

अरेल्या वैरिगेटेड, पॉलीसिआस ड्वार्फ व्हाइट

https://www.jagtapnursery.shop/web/image/product.template/6815/image_1920?unique=301bd34
(0 समीक्षा)

सजावटी और आकर्षक बालफोर अरालिया सफेद विविधता के साथ अपनी जगह को शानदार बनाएं – अब खरीदें!"

    एक वेरिएंट चुनें

    चुनें कीमत वेरिएंट
    116 पॉट # 4'' 785ml 4''

    ₹ 116.00 116.0 INR ₹ 126.00

    ₹ 126.00

    Not Available For Sale

    (₹ 0.00 / Units)

    This combination does not exist.

    यह सामग्री सभी उत्पाद पृष्ठों पर साझा की जाएगी।

    • विविध रंग की पत्तियां: इस पौधे में सफेद या क्रीम रंग के किनारों के साथ रसीले, चमकदार पत्ते होते हैं, जो इसके गहरे हरे रंग के केंद्र के साथ एक सुंदर विपरीतता प्रदान करते हैं।
    • कॉम्पैक्ट आकार: बौनी किस्म होने के कारण, यह कॉम्पैक्ट रूप में बढ़ता है, जिससे यह छोटे स्थानों, इनडोर सेटिंग्स या गमले में लगाए जाने वाले पौधे के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाता है।
    • सजावटी आकर्षण: अपने अनोखे रूप के लिए जाना जाने वाला यह पौधा अक्सर इनडोर सजावटी झाड़ी के रूप में या उष्णकटिबंधीय उद्यानों में भूनिर्माण के लिए उपयोग किया जाता है।

    आदर्श बढ़ती परिस्थितियाँ:

    • प्रकाश: उज्ज्वल, अप्रत्यक्ष प्रकाश पसंद करता है। सीधी धूप से पत्ती जल सकती है।
    • तापमान: गर्म तापमान में सबसे अच्छा बढ़ता है, आदर्श रूप से 60°F (16°C) और 75°F (24°C) के बीच।
    • मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी, थोड़ी अम्लीय से लेकर उदासीन।
    • पानी देना: नियमित रूप से पानी दें, लेकिन सुनिश्चित करें कि जड़ सड़न से बचने के लिए पानी देने के बीच मिट्टी सूख जाए।
    • आर्द्रता: मध्यम से उच्च आर्द्रता में पनपता है।

    लाभ:

    • सौंदर्य अपील: विविध पत्ते एक आकर्षक रूप प्रदान करते हैं, जिससे यह सजावटी उद्देश्यों के लिए एक आदर्श पौधा बन जाता है।
    • वायु शोधन: कई इनडोर पौधों की तरह, यह विषाक्त पदार्थों को हटाकर हवा को शुद्ध करने में मदद करता है।
    • कम रखरखाव: इसकी देखभाल करना आसान है और इसके लिए बार-बार छंटाई या जटिल देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।

    कीट और रोग:

    • कीट: स्पाइडर माइट्स और मीलीबग्स जैसे आम घरेलू पौधों के कीटों को आकर्षित कर सकते हैं। नियमित निरीक्षण आवश्यक है।
    • बीमारियाँ: ज़्यादा पानी देने से जड़ सड़ सकती है। उचित जल निकासी सुनिश्चित करें और मिट्टी में जलभराव न होने दें।